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सड़क पर गड्ढे या गड्ढों पर सड़क – मिशन स्कूल के आगे हाल बेहाल, पढ़े पूरी खबर,,,,

सारंगढ़
सारंगढ़ से सराई पाली जाने वाली मुख्य सड़क पर सफर करना अब किसी रोमांचक खेल से कम नहीं है। मिशन स्कूल के आगे सड़क इतनी जर्जर है कि समझ ही नहीं आता कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों पर सड़क।

बच्चे पढ़ने जाएँ या गड्ढों से जूझें?

आसपास के गांवों के छोटे-छोटे बच्चे रोज इन्हीं गड्ढों से होकर स्कूल पहुँचते हैं। माता-पिता को हर वक्त यह डर सताता है कि कहीं उनका लाल सड़क के इस गहरे गड्ढे में गिर न जाए। प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते बच्चों का भविष्य दांव पर है।

मोटरसाइकिल चालक हर पल दुर्घटना के साए में

रात होते ही इस सड़क पर सफर करना जोखिम उठाने जैसा है। जर्जर सड़क पर मोटरसाइकिल सवार कई बार हादसों से बाल-बाल बचे हैं। अंधेरे में गड्ढे दिखाई नहीं देते और जान हथेली पर रखकर लोग गुजरते हैं।

स्ट्रीट लाइटें भी टांय-टांय फिस

करीब सालभर पहले नगर पालिका प्रशासन ने बावाकुटी से उमेदपुर तक स्ट्रीट लाइट चालू किया था। कुछ महीनों तक तो लाइटें जलीं, लेकिन उसके बाद सब कुछ अंधेरे में डूब गया। बार-बार शिकायत के बाद भी नगर पालिका “मौन साधना” में बैठी है।

सवालों के घेरे में नगर पालिका

लोगों का कहना है कि “नगर पालिका को केवल दिखावे की योजनाएँ शुरू करना आता है, उन्हें टिकाए रखना नहीं।” सड़क हो या स्ट्रीट लाइट, जनता परेशान है और प्रशासन चुप है।

देखना है कब टूटेगी चुप्पी

अब सवाल यही है कि क्या इस खबर के बाद जिम्मेदार अधिकारी नींद से जागेंगे? या फिर हमेशा की तरह कागजों पर ही मरम्मत का जादू चलेगा और सड़क व स्ट्रीट लाइटें उसी तरह जनता को छलती रहेंगी?

नगर पालिका अधिकारि ( CMO )का पक्ष

नगर पालिका CMO ने कहा –
“सड़क की मरम्मत और स्ट्रीट लाइटों की समस्या हमारे संज्ञान में है। जल्द ही गड्ढों को भरा जाएगा और बंद पड़ी लाइटों को भी चालू कराया जाएगा।

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