जिला अस्पताल सारंगढ़ का बदला स्वरूप : डॉक्टर जयसवाल के प्रबंधन में आया सुधार, पढ़े पूरी खबर,,,,,,

सारंगढ़।
जिला अस्पताल सारंगढ़ अब सचमुच जिला अस्पताल जैसा नजर आने लगा है। वर्ष 2024-25 की तुलना में 2025-26 में आंकड़े साफ बता रहे हैं कि अस्पताल की सेवाओं में न केवल वृद्धि हुई है बल्कि व्यवस्थाओं में भी बड़ा बदलाव आया है। पदस्थ होते ही डॉक्टर जयसवाल ने अस्पताल को संवारने की ठानी और अब परिणाम दिखने लगे हैं।
ओपीडी-आईपीडी में बढ़ोतरी

अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2024-25 में जहां अप्रैल से अगस्त तक औसतन 3000 से 4200 मरीज ओपीडी में आए, वहीं 2025-26 में यही संख्या 4000 से 6500 तक पहुंच गई। इसी तरह आईपीडी में भी मरीजों का भरोसा बढ़ा है।
स्वास्थ्य बीमा और रेफरल

आयुष्मान भारत (एबीपीएमजय) के तहत लाभ उठाने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 70 से 86 प्रतिशत तक मरीजों ने योजना का लाभ लिया। रेफर मरीजों की संख्या कम होना यह दर्शाता है कि अब अधिकतर इलाज सारंगढ़ में ही संभव हो रहा है।
जांच और नई सेवाएं

प्रयोगशाला जांचों की संख्या 2024-25 में जहां औसतन 4 से 5 हजार रही, वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 6 से 9 हजार तक पहुंच गई। जुलाई 2025 को डॉक्टर दिवस पर सिकल सेल ओपीडी व उपचार केंद्र की शुरुआत की गई, जिससे जिले के मरीजों को बड़ी सुविधा मिली। वहीं डायलिसिस की सुविधा भी प्रारंभ कर दी गई है, जो पहले उपलब्ध नहीं थी।
चिकित्सा बोर्ड और लाभार्थी

अब हर बुधवार मेडिकल बोर्ड और यूडीआईडी शिविर दोनों आयोजित किए जा रहे हैं। इसके चलते लाभार्थियों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी
अस्पताल में अब 100 तक बिस्तर उपलब्ध हैं। आपातकालीन वार्ड में भी छह बिस्तर की सुविधा शुरू की गई है। पहले यह पूरी तरह शून्य था।
व्यवस्थाओं में निखार
इन सभी सुधारों का असर साफ दिखाई दे रहा है। मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी और इलाज की गुणवत्ता ने लोगों का भरोसा बढ़ाया है। जिला अस्पताल सारंगढ़ अब अपने नाम के अनुरूप सेवाएं देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
डॉक्टर जयसवाल के नेतृत्व में अस्पताल का यह रूपांतरण स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सारंगढ़ के लिए नई उम्मीद और बेहतर भविष्य की ओर इशारा करता है।




