वन विभाग की टीम ने तीन अवैध आरामिलों को किया सील,पढ़े पूरी खबर,,,

तीन अवैध आरामिलों पर गिरी वन विभाग की गाज
सारंगढ़।
जिले में अवैध रूप से संचालित हो रही तीन आरामिलों पर आखिरकार वन विभाग की गाज गिर ही गई। उड़नदस्ता दल और वनपरिक्षेत्राधिकारियों की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को विशेष अभियान चलाते हुए तीनों पर छापामार कार्रवाई की और मौके पर ही सील कर दिया। विभाग ने इसे छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 का गंभीर उल्लंघन बताया है।
गोड़म की लक्ष्मी सॉ मिल पर ताला

गोड़म स्थित लक्ष्मी सॉ मिल का संचालन स्वामी रामलाल यादव की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों द्वारा किया जा रहा था। चूंकि लंबे समय से नवीनीकरण नहीं कराया गया था, इस कारण टीम ने इसे अवैध मानते हुए तत्काल सील कर दिया।
पटेल सॉ मिल भी नियमों के खिलाफ

पटेल सॉ मिल का संचालन भी लगभग इसी तरह हो रहा था। स्वामी गणेशलाल पटेल के निधन के बाद नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी। विभागीय अधिकारियों ने जांच में गड़बड़ी पकड़ी और इसे भी सील कर दिया।
अमलीपाली में बिना अनुमति संचालित आरामिल

ग्राम अमलीपाली (बरमकेला) की तोषराम पटेल आरामिल तो पूरी तरह से बिना अनुमति और बिना लाइसेंस के चलाई जा रही थी। नियम विरुद्ध संचालन सामने आने पर वन अमले ने इसे भी तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया।
अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन
जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन तीनों आरामिलों में धारा 6(5) ग, 9 और 12(ड) का उल्लंघन पाया गया है। यह प्रकरण वन संपदा की सुरक्षा और नियमानुसार संचालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
नियम स्पष्ट, कार्रवाई सख्त
विभागीय अधिकारियों ने दोहराया कि अधिनियम 1984 के तहत आरामिल संचालन केवल वैध लाइसेंस और समय पर नवीनीकरण की शर्तों पर ही संभव है। अवधि समाप्त होते ही अनुमति स्वतः अमान्य हो जाती है। ऐसे में बिना अनुमति संचालन करने पर सख्त कार्रवाई तय है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
वनमंडलाधिकारी सारंगढ़-बिलाईगढ़ ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में अवैध आरामिलों और अवैध लकड़ी कारोबार पर नकेल कसने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
संचालकों और जनता से अपील
विभाग ने मिल संचालकों से अपील की है कि वैध अनुमति और नवीनीकरण के बाद ही मिलों का संचालन करें। अन्यथा अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में विभाग इस तरह की और भी कार्रवाई कर सकता है।



