संकटग्रस्त बच्चों को मिलेगा सहारा, प्रवर्तकता कार्यक्रम से हर महीने 4 हजार की मदद, पढ़े पूरी खबर,,,,

माता-पिता की मृत्यु, तलाक, एकल अभिभावक या बंदी के बच्चे होंगे लाभान्वित
सारंगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रवर्तकता कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे बच्चे जो समाज की दया दृष्टि के पात्र बन जाते हैं—जैसे माता-पिता की मृत्यु, तलाकशुदा या एकल अभिभावक, कारागार में बंद माता-पिता अथवा परित्यक्त बच्चे—उनको 18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 4 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को बेघर होने से बचाना, उनके लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषण, चिकित्सकीय सुविधा और व्यावसायिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करना है। पात्रता में आने वाले किसी भी परिवार के अधिकतम दो बच्चों को यह राशि 18 वर्ष पूर्ण होने तक दी जाएगी।
बच्चों के पुनर्वास पर जोर
इस योजना से बच्चों को उनके परिवार से अलग होने से बचाने, संस्थागत देखरेख से परिवार आधारित देखरेख में स्थानांतरित करने और रेस्क्यू किए गए बच्चों का पुनर्वास करने पर विशेष बल दिया गया है।
जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति, अशक्तता या गंभीर बीमारी के कारण बच्चों की उचित देखरेख नहीं हो पा रही है, उन्हें भी प्रवर्तकता से लाभान्वित किया जाएगा।
कहां और कैसे करें आवेदन
इसके लिए आवेदन पत्र महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला और परियोजना कार्यालय से प्राप्त कर जमा किए जा सकते हैं।
आवेदन के साथ माता-पिता की मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
चयन के मापदंड
- 18 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिका।
- बाल विवाह, तस्करी अथवा शोषण से पीड़ित बच्चे।
- एकल माता-पिता, परित्यक्ता या विधवा के बच्चे।
- माता-पिता कारागृह में रह रहे हों।
- एचआईवी/एड्स प्रभावित अथवा दिव्यांग बच्चे।
- गंभीर बीमारी या असहाय माता-पिता वाले बच्चे।
- ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय महानगरों में ₹96,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹72,000 से अधिक न हो। विधिक आधार
उल्लेखनीय है कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 45 और नियम 2016 के नियम 24 के प्रावधान के तहत 10 मार्च 2022 से छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवर्तकता कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।




