सारंगढ़ जिला अस्पताल में नया अध्याय — बच्चों के लिए 12 बेड वाला आधुनिक वार्ड शुरू, पढ़े पूरी खबर,,,,,,

अब नहीं होगा गंभीर बच्चों को बाहर रेफर करने का दर्द*
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सारंगढ़-बिलाईगढ़। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी कड़ी में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक बड़ी सौगात मिली है। जिला अस्पताल में 12 बेड वाले अत्याधुनिक शिशु वार्ड (पीडियाट्रिक यूनिट) की शुरुआत की गई है। इस वार्ड के शुरू हो जाने से अब जिले के बच्चों को गंभीर स्थिति में बिलासपुर, रायगढ़ या रायपुर रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
-स्वास्थ्य सेवाओं में नया अध्याय

जिला अस्पताल सारंगढ़-बिलाईगढ़ में नवनिर्मित यह शिशु वार्ड पूरी तरह बच्चों के अनुकूल वातावरण में तैयार किया गया है। इसमें 12 अत्याधुनिक ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, फोटोजोनिक थैरेपी यूनिट, नेब्युलाइज़र, इन्फेंट वॉर्मर, सक्शन मशीन, मॉनिटरिंग यूनिट और वेंटिलेशन सपोर्ट सिस्टम जैसी सभी आवश्यक सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।
यह वार्ड न केवल सामान्य बीमारियों से ग्रसित बच्चों के उपचार में सहायक होगा, बल्कि गंभीर स्थिति जैसे नवजात शिशुओं में सांस की तकलीफ, समय पूर्व जन्म, संक्रमण या कम वजन वाले बच्चों के इलाज में भी कारगर साबित होगा।
विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति

वार्ड के संचालन के लिए अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भारती पटेल को नियुक्त किया गया है। वे अपने कुशल मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग टीम के साथ 24 घंटे उपचार सेवाएँ देंगी।
डॉ. पटेल ने बताया कि यह सुविधा जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा— “अब हम गंभीर नवजातों को तत्काल उपचार दे सकेंगे, जिससे ‘गोल्डन आवर’ में सही इलाज मिलने से बच्चों की जान बचाई जा सकेगी।”

कलेक्टर ने कहा— यह जिले की बड़ी उपलब्धि

जिला कलेक्टर संजय कन्नौजे और सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने वार्ड का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया।
कलेक्टर कन्नौजे ने कहा कि जिला अस्पताल में शिशु वार्ड का आरंभ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में “नई शुरुआत” है। उन्होंने बताया कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के दूरस्थ अंचलों से आने वाले परिवारों को अब अपने बच्चों के इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।
सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने कहा कि आने वाले समय में अस्पताल में और भी सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी।
उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल, जिला पंचायत स्वास्थ्य विभाग सभापति सुशीला साहू, पंचायत सभापति भगवतीन कुंज राम पटेल, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता दुर्गा सिंह ठाकुर, सतीश शर्मा, प्रकाश अग्रवाल और रविशंकर यादव सहित कई जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।
सभी ने अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की इस पहल को जनसेवा का सराहनीय कदम बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तेजी से सुदृढ़ हो रही है, जिसका लाभ अब छोटे जिलों तक पहुँच रहा है।
बच्चों के लिए पूरी तरह अनुकूल वातावरण*
नवनिर्मित वार्ड में बच्चों के अनुकूल रंग-सज्जा और वातावरण तैयार किया गया है। दीवारों पर आकर्षक कार्टून पेंटिंग्स, हल्के रंगों का प्रयोग और सॉफ्ट लाइटिंग से बच्चों को सहज माहौल महसूस होगा।
साथ ही, माताओं के ठहरने के लिए अलग से स्थान और शिशु पोषण परामर्श की भी व्यवस्था की गई है
अस्पताल प्रशासन की अपील
अस्पताल प्रशासन ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
यदि बच्चे को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी-दस्त, वजन घटने, सुस्ती या किसी अन्य असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जिला अस्पताल सारंगढ़-बिलाईगढ़ पहुँचें।
यहाँ
विशेषज्ञ चिकित्सक, आधुनिक उपकरण और नि:शुल्क उपचार सुविधा 24 घंटे उपलब्ध हैं
जनता की प्रतिक्रिया— “राहत की सौगात”
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने इसे “राहत की सौगात” बताते हुए कहा कि अब उन्हें अपने छोटे बच्चों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
सारंगढ़, एवं ग्रामीण निवासियों ने कहा— “पहले बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर रायगढ़, ले जाना पड़ता था, अब यहाँ ही सुविधा मिल जाएगी। यह हम सबके लिए बड़ी राहत है।”
वहीं, नागरिको ने कहा कि जिला अस्पताल में लगातार सुविधाएँ बढ़ रही हैं, जिससे आम लोगों का भरोसा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ा है।
स्वास्थ्य विभाग की योजना*
सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने बताया कि आने वाले समय में नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) का भी विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही, मातृ वार्ड में नई मशीनें, ब्लड वॉर्मर और ऑक्सीजन पाइपलाइन व्यवस्था को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण व अंचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाना है।
जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक
इस नवनिर्मित शिशु वार्ड का शुभारंभ सिर्फ एक भवन का उद्घाटन नहीं, बल्कि यह जनसेवा और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
इससे जिले के हजारों परिवारों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति भरोसा और सुरक्षा की भावना मिलेगी।




