छत्तीसगढ़सारंगढ़-बिलाईगढ़

हॉस्पिटल निर्माण में देरी और गुणवत्ताहीन कार्य पर कलेक्टर कन्नौजे सख्त, इंजीनियरों को फटकार, पढ़े पूरी खबर,,,,

सारंगढ़-
कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति सह विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति और निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान कलेक्टर ने लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्यों पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीजीएमएससी के इंजीनियरों को फटकार लगाई और नोटिस जारी किया।

निर्माण कार्य में देरी पर नोटिस

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ.आर. निराला ने विभाग की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कलेक्टर कन्नौजे ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में चल रहे निर्माण कार्यों में देरी, निर्धारित समय पर कार्य पूरे न होने और गुणवत्ता को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सीजीएमएससी के सब इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तय समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने पर जोर

कलेक्टर ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति माह कम से कम 30 प्रसव, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 प्रसव और उप स्वास्थ्य केंद्रों में 3 प्रसव अनिवार्य रूप से कराए जाएं। उन्होंने कहा कि आमजन को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार अभियान

बैठक में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” की तैयारियों की भी समीक्षा हुई। कलेक्टर ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष जांच शिविर लगाने के निर्देश दिए, जिनमें गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, बीपी, शुगर, कैंसर, सिकलसेल, रक्त अल्पता और किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण शामिल होंगे। साथ ही माहवारी स्वच्छता की जानकारी और आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था भी की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैनात कर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएं, ताकि आम नागरिकों को विशेषकर महिलाओं को अधिकतम लाभ मिल सके।

मातृ मृत्यु दर में कमी पर फोकस

डॉ. कन्नौजे ने गर्भवती महिलाओं की जांच को प्राथमिकता देते हुए कहा कि प्रत्येक गर्भवती का प्रथम तिमाही में पंजीयन हो और गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार गुणवत्तापूर्ण जांच की जाए। खासतौर पर हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें समय रहते उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया जाए।

कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि प्रत्येक बीएमओ के पास हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग लिस्ट होनी चाहिए और सभी फील्ड स्टाफ सतत निगरानी करें। साथ ही बच्चों के टीकाकरण में कोई भी बच्चा वंचित न रह जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक पर निगरानी

कलेक्टर कन्नौजे ने निजी नर्सिंग होम एक्ट के तहत संचालित सभी निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की सख्त जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंजीयन केवल उन्हीं संस्थानों का हो जो मानकों का पालन करते हों। सोनोग्राफी सेंटर और नर्सिंग होम का समय-समय पर निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए।

आयुष्मान योजना में फर्जी मरीजों के नाम पर होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए उन्होंने विशेष निगरानी टीम बनाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बैठक में रहे अधिकारी

बैठक में जिला पंचायत सीईओ इंद्रजीत बर्मन, सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी, सीजीएमएससी के सब इंजीनियर, विभिन्न नोडल अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button
ब्रेकिंग न्यूज़