भीम आर्मी का मुख्य कार्यपाल अभियंता कार्यालय का घेराव, स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन, प

सारंगढ़, लाइव TV छत्तीसगढ़
भीम आर्मी छत्तीसगढ़ जिला इकाई सारंगढ़ बिलाईगढ़ द्वारा स्मार्ट मीटर के माध्यम से अनियंत्रित बिजली बिल वसूली के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के तहत कार्यकर्ताओं ने मुख्य कार्यपाल अभियंता यंत्री कार्यालय सारंगढ़ का घेराव किया और अपनी मांगों को लेकर विरोध जताया।
मनीन्दर सिंह आजाद के नेतृत्व में प्रदर्शन

भीम आर्मी छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रदेश महासचिव मनीन्दर सिंह आजाद के नेतृत्व में एक विशाल रैली निकाली गई, जिसमें कार्यकर्ताओं ने गुरु घासीदास ज्ञान स्थल से जिला कार्यपाल अभियंता यंत्री कार्यालय तक पैदल मार्च किया। इस दौरान भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें भीम आर्मी के प्रमुख नेता संतोष निराला, अपूर बंजारे, सुशील अनंत, अमन प्रेमी, अजय खूंटे और अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।

अध्यक्षता में हुआ आयोजन
यह आंदोलन खगेश निराला (पूर्व वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष) और अमित जायसवाल (पूर्व जिला उपाध्यक्ष) की अध्यक्षता में किया गया। रैली के आयोजकों ने कहा कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ यह लड़ाई हर छत्तीसगढ़वासी की आवाज़ बन चुकी है।
मांगों को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
भीम आर्मी ने सारंगढ़ तहसीलदार महोदय को छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्मार्ट मीटर से जुड़ी कई समस्याओं का जिक्र करते हुए उसे हटाने की मांग की गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटर की वजह से आम जनता को अनियंत्रित बिजली बिल का सामना करना पड़ रहा है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
भीम आर्मी की प्रमुख मांगें
- स्मार्ट मीटर को हटाया जाए
भीम आर्मी ने स्मार्ट मीटर को पूरी तरह से हटाने की मांग की है और कहा है कि स्मार्ट मीटर के द्वारा भेजे जा रहे अनियंत्रित बिजली बिलों को तत्काल रोका जाए। साथ ही, पुराने मीटर के जरिए भेजे जाने वाले बिलों को यथावत रखा जाए। - अनियंत्रित बिजली बिल माफ किए जाएं
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि स्मार्ट मीटर रीडिंग के आधार पर भेजे गए अनियंत्रित बिजली बिलों को पूरी तरह माफ किया जाए, ताकि किसानों, गरीबों और मजदूर परिवारों को राहत मिल सके। - खनिज संपदा पर रोक और मुफ्त बिजली की मांग
भीम आर्मी ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों का निर्यात और बिक्री रोक दी जाए। साथ ही, हर परिवार को 400 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए, क्योंकि राज्य में बिजली का उत्पादन किया जाता है, और यह छत्तीसगढ़वासियों के लिए न्यायसंगत है।
आंदोलन की चेतावनी
भीम आर्मी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं करती है, तो वे प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करेंगे। इसमें आगामी सीएम हाउस घेराव जैसी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है, और इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य शासन और प्रशासन की होगी।
कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी
आंदोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें विभिन्न जिलों के नेता और स्थानीय निवासी शामिल थे। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के आदिवासी, पिछड़े वर्ग और अन्य समाज के लोगों के बीच एकजुटता का प्रतीक बना, जो अपने हक की लड़ाई के लिए एक साथ खड़े हुए हैं।
सारंगढ़ की जनता की आवाज़ उठी
भीम आर्मी का कहना है कि यह सिर्फ एक संगठन की लड़ाई नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के आम जनता की आवाज़ है, जो स्मार्ट मीटर और बिजली बिलों के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ खड़ी है। इस संघर्ष में हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग साथ हैं।
आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता और कार्यकर्ता:
भीम आर्मी सारंगढ़ के इस आंदोलन में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं की सूची में कई प्रमुख लोग शामिल थे, जिनमें:
- मनीन्दर सिंह आजाद (पूर्व प्रदेश महासचिव / अतिरिक्त बिलासपुर संभाग प्रभारी)
- खगेश निराला (पूर्व वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष)
- अमित जायसवाल (पूर्व जिला उपाध्यक्ष)
- संतोष निराला (पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष)
- अपूर बंजारे (जिला अध्यक्ष)
- सुशील अनंत (कार्यवाहक ज़िला अध्यक्ष)
- अमन प्रेमी (पूर्व जिला उपाध्यक्ष)
- अजय खूंटे (पूर्व जिला महासचिव)
- मनोज जांगडे (जिला महासचिव)
- समन निराला (पूर्व जिला सचिव)
- अमित कुर्रे (पूर्व ज़िला कोषाध्यक्ष)
- वासु बजाज (जिला मीडिया प्रभारी)
- राजेश भास्कर (जिला आईटी सेल प्रभारी)
- लोकेश प्रेमी (पूर्व बिलाईगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष)
- गजराज जांगडे (पूर्व सारंगढ़ ब्लॉक उपाध्यक्ष)
- शिव भारती (पूर्व सारंगढ़ ब्लॉक उपाध्यक्ष)
- अभय निराला (पूर्व सारंगढ़ महासचिव)
- देव लहरे (पूर्व ब्लॉक मीडिया प्रभारी)
- यूकेश (कोसिर तहसील अध्यक्ष)
- सुदर्शन भारती
- जनक लहरे
- भूपेंद्र लहरे
- राजकुमार वारे
- विक्रम जांगडे
- सुरेंद्र जांगडे
- हेमंत रात्रे
- कमलेश निराला
- अभिषेक निराला
- लक्ष्मेंद्र महंत
- राजू चौहान
- यशवंत निराला
- भूपेंद्र
- प्रीतम घिल्ले
- हरिवंश लहरे
- मनोज खूंटे
- अभिषेक निषाद
- आकाश लहरे
- मुकेश लहरे
- लक्ष्मीप्रसाद चौहान
- डिग्री पटेल
- भूपेंद्र, प्रीतम, हेमंत, राकेश (अन्य कार्यकर्ता)
निष्कर्ष
यह आंदोलन छत्तीसगढ़ राज्य के नागरिकों की मूलभूत जरूरतों और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत कदम साबित हो सकता है। भीम आर्मी ने स्पष्ट रूप से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाया है और यदि इन मुद्दों का शीघ्र समाधान नहीं होता है, तो वे भविष्य में और बड़े आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।




